Thursday 23 June 2011

पहली बारिश ने बुंदेलखंड पॅकेज की पोल खोली


बुंदेलखंड पॅकेज की राशी से पन्ना जिले में निर्मित तीन तालाब और एक टैंक बरसात की पहली ही झाड़ी में बह गए. जिले से करीब 14  किलोमीटर की दूरी पर झलाई ग्राम के पास उत्तर वन मंडल की सामाजिक वानिकी ईकाई रेंज द्वारा तीनो तालाबो का निर्माण कराया गया था. पहला तालाब जो  झलाई ग्राम के पास ही बनाया गया है जिसमे बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं भाजपा जिलाध्यक्ष के द्वारा भूमिपूजन एवं शिलान्यास किया गया था जिसकी लागत उस भूमि पूजन बोर्ड के अनुसार 7 .10  लाख है.
ग्राम के पास इस तालाब में वन विभाग स्टोरेज तालाब डेम बनाने की बात बताई गई है जो पहली बरसात में ही मौके पर आज दो जगह से टूट चूका  है.
दूसरा तालाब जिसका उद्घाटन कृषि राज्य मंत्री वृजेन्द्र प्रताप सिंह  द्वारा किया गया था जिसका बोर्ड भी टूट चूका  है. वही इस तालाब में भी वेस्ट वियर के पास से पानी अपने बहाव में बहा ले गया लेकिन इस तालाब को विभागीय अधिकारी खुद के द्वारा तोड़ने की बात बता रहे है.
उत्तर वन मंडल के एस डी ओ एस एन सिंह का कहना है की तालाब को बचाने के लिए वेस्ट वियर के पास से तालाब को तोड़कर पानी निकाला है लेकिन मौके पर तो जो देखने में नजर आया है उससे लगता है की जैसे तालाब खुद टूटा हो.
वही ग्रामीणों का भी कहना है की तालाब अपने आप टूटा है. पिचिंग में जो पत्थर लगाया गया है उसके बारे में गाँव वालो का कहना है की तालाब के नीचे बनी खखरी के पत्थरों को ही इसमें उपयोग किया गया है.
 तीसरे तालाब  में विधायक राजेश वर्मा का बोर्ड लगा है जिसकी लागत 8 .75  लाख बताई गई है. यह तालाब दूसरे से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर ही है. तीनो तालाब क्रमशः एक दुसरे से एक-एक किलोमीटर की दूरी पर बनाए गए है.
इस तीसरे तालाब में मिट्टी की पार बनाई गई है पिचिंग नहीं हुई है. पार दो जगह से पानी के बहाव से बह गई.

उत्तर वन मंडल के अधिकारी अमित दुबे का कहना है की हमने 38  स्टोरेज डेम तथा 150  परकोलेशन टैंक बनाए है जो यह तालाब टूटे है यह मात्र 4 -5  प्रतिशत क्षति मानी जा सकती है. वह भी पिछले दो दिनों से जो वर्षा हो रही है आज तक 140  मिलीमीटर वर्षा हुई है. जो पन्ना जिले की औसत वर्षा  की 15  प्रतिशत पहली वर्षा ही इतनी हो गई इस कारण से क्षति हुई है. इसमें टेक्नीकल फाल्ट  नहीं है न ही विभागीय सिस्टम का फा्ट  है शेष जाँच के बाद ही पता चलेगा की कारण क्या है?
इन्होने भी एक ही तालाब के फूटने की बात स्वीकार की है क्योकि इनके मातहत एस डी ओ एस एन सिंह ने बताया है की दुसरे तालाब जिसका उद्घाटन मंत्री द्वारा किया गया था उसको तो वेस्ट वियर के पास से पानी निकलकर तालाब बचने की बात बताई जा रही है वही तीसरे तालाब में तो विभाग के मुखिया अमित  दुबे सहित आला अधिकारियो का कहना है  की यहाँ तो काम ही  नहीं शुरू किया गया था लेकिन गौरतलब यह है की मौके पर तालाब की पार बन चुकी थी जो दो जगह से पानी  के तेज बहाव के कारण बह गई है विभाग भले ही काम शुरू न होने की बात कह रहा हो

गौरतलब है की अमझिरिया गाँव के पास भी एक परकोलेशन टैंक टूटने की बात भी विभाग ने स्वीकार की है लेकिन इसके टूटने  का कारण कुछ दूसरा ही बताया जा रहा है. इनका   कहना  है की इसमें जो पानी की आवक थी शायद इसका अंदाजा सही ढंग से नहीं लग पाया और पानी की आवक ज्यादा होने की वजह से यह परकोलेशन टैंक टूट गया. इसकी अनुआनित लागत लगभग 1 .50  लाख रूपये बताई गई है.
यह दासता इन डेमो की तथा परकोलेशन टैंक की पहली बारिश में ही हो गयी. यह तो जाँच के बाद ही पता लगेगा की बास्ताविकता  में तकनीकी गलती क्या है. लेकिन बुंदेलखंड पॅकेज के द्वारा नवनिर्मित झलाई ग्राम के पास तीन तालाब तथा अमझिरिया के पास एक परकोलेशन टैंक पहली बारिश में ही फूट गए है. इस सम्बन्ध में सामजिक वानिकी के वन परिक्षेत्र अधिकारी पटेल ने कुछ भी कहने से इनकार किया.

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